
30 साल की उम्र में घुटनों की समस्याएं: क्या आप भी महसूस कर रहे हैं दर्द? जानिए कारण, लक्षण और उपचार
आजकल 30 साल की उम्र में भी युवाओं में घुटनों में दर्द, अकड़न और कार्टिलेज (उपास्थि) के नुकसान की समस्याएं बढ़ रही हैं। यह स्थिति पहले बुजुर्गों तक सीमित मानी जाती थी, लेकिन अब यह कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर रही है। आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और उपचार के विकल्प।
घुटनों में दर्द और कार्टिलेज का नुकसान: क्या है कारण?
1. मोटापा (Obesity):
अधिक वजन घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज जल्दी घिसता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) की समस्या उत्पन्न होती है।
2. शारीरिक गतिविधियों की कमी:
कम शारीरिक गतिविधि, जैसे कि चलना, दौड़ना या व्यायाम न करना, मांसपेशियों को कमजोर करता है और घुटनों पर दबाव बढ़ाता है।
3. गलत फुटवियर का उपयोग:
हील्स या कठोर सोल वाले जूते पहनने से घुटनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे कार्टिलेज का नुकसान होता है।
4. पोषण की कमी:
कैल्शियम, विटामिन-डी और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से हड्डियों और कार्टिलेज की सेहत प्रभावित होती है।
5. चोट या आघात:
घुटनों में चोट लगने से कार्टिलेज में नुकसान हो सकता है, जो बाद में दर्द और सूजन का कारण बनता है।
लक्षण: कब समझें कि घुटनों में समस्या है?
-
दर्द:
चलने-फिरने, सीढ़ियां चढ़ने या उठने-बैठने में घुटनों में दर्द महसूस होना। -
अकड़न:
विशेष रूप से सुबह उठने पर या लंबे समय तक बैठे रहने के बाद घुटनों में अकड़न महसूस होना। -
सूजन:
घुटनों में सूजन या गर्मी महसूस होना। -
क्रैकिंग साउंड:
घुटनों को मोड़ने या सीधा करने पर ‘क्रैक’ या ‘पॉप’ की आवाज आना। -
गतिविधि में कमी:
घुटनों के दर्द के कारण सामान्य गतिविधियों में कठिनाई होना।
उपचार के विकल्प:
1. जीवनशैली में बदलाव:
-
वजन नियंत्रण:
स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रित रखें। -
सही फुटवियर का चयन:
आरामदायक और सपोर्टिव जूते पहनें। -
शारीरिक गतिविधि:
नियमित रूप से चलना, तैरना या साइकिल चलाना जैसे कम प्रभाव वाले व्यायाम करें।
2. फिजियोथेरेपी:
फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा सुझाए गए व्यायाम से मांसपेशियों को मजबूत करें और घुटनों पर दबाव कम करें।
3. दवाइयां:
-
दर्द निवारक दवाइयां:
पेरासिटामोल जैसी दवाइयां दर्द को कम करने में मदद करती हैं। -
सप्लीमेंट्स:
ग्लूकोसामाइन और कोन्ड्रोइटिन जैसे सप्लीमेंट्स कार्टिलेज की सेहत में सुधार कर सकते हैं।
4. सर्जिकल विकल्प:
यदि उपरोक्त उपायों से राहत नहीं मिलती है, तो डॉक्टर सर्जिकल विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे:
-
आर्थोस्कोपी:
घुटने के अंदर की समस्याओं को देखने और सुधारने के लिए एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया। -
घुटना प्रत्यारोपण (Knee Replacement):
गंभीर मामलों में, जहां कार्टिलेज का नुकसान अधिक हो, घुटना प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है।
Amicare Hospital में विशेषज्ञ देखभाल:
यदि आप घुटनों के दर्द या कार्टिलेज के नुकसान से परेशान हैं, तो Amicare Hospital में अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श लें। हमारी विशेषज्ञ टीम आपको सही निदान और उपचार के विकल्प प्रदान करेगी, ताकि आप फिर से सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकें।