हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी आज के समय में एक बेहद कारगर चिकित्सा प्रक्रिया बन गई है, खासकर उन लोगों के लिए जो गंभीर हिप दर्द या क्षतिग्रस्त हिप जोड़ के कारण रोजमर्रा के काम करने में …
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी: यह कैसे काम करती है, रिकवरी का समय
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी आज के समय में एक बेहद कारगर चिकित्सा प्रक्रिया बन गई है, खासकर उन लोगों के लिए जो गंभीर हिप दर्द या क्षतिग्रस्त हिप जोड़ के कारण रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। यह सर्जरी ज्यादातर ऐसे मरीजों के लिए की जाती है, जिन्हें हिप आर्थराइटिस, हिप फ्रैक्चर, या हड्डियों की अन्य गंभीर समस्याएं होती हैं। जब दवाएं और थेरेपी से कोई राहत नहीं मिलती, तब डॉक्टर इस सर्जरी की सलाह देते हैं। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी किस तरह से की जाती है और सर्जरी के बाद रिकवरी का पूरा प्रोसेस कैसा होता है।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में, डॉक्टर हिप के क्षतिग्रस्त जोड़ को हटाकर उसकी जगह एक कृत्रिम जोड़ (इम्प्लांट) लगाते हैं। यह इम्प्लांट मेटल, सिरामिक या प्लास्टिक का हो सकता है, जो हड्डियों को सहारा देकर जोड़ की मूवमेंट को सामान्य करता है। सर्जरी दो प्रकार की होती है – टोटल हिप रिप्लेसमेंट और पार्शियल हिप रिप्लेसमेंट। टोटल हिप रिप्लेसमेंट में पूरे जोड़ को बदला जाता है, जबकि पार्शियल हिप रिप्लेसमेंट में सिर्फ क्षतिग्रस्त हिस्से को ही हटाया जाता है।
सर्जरी के दौरान, मरीज को एनेस्थीसिया देकर बेहोश किया जाता है ताकि कोई दर्द महसूस न हो। इसके बाद डॉक्टर हिप के आसपास चीरा लगाकर क्षतिग्रस्त हड्डी और कार्टिलेज को हटाते हैं और नया कृत्रिम जोड़ लगाते हैं। पूरी प्रक्रिया लगभग 1 से 2 घंटे में पूरी हो जाती है। सर्जरी के बाद मरीज को कुछ समय के लिए अस्पताल में रखा जाता है ताकि उसकी स्थिति पर नजर रखी जा सके और किसी भी प्रकार की समस्या का तुरंत इलाज हो सके।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद रिकवरी का समय हर व्यक्ति के लिए थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन आमतौर पर इसमें 6 हफ्ते से लेकर 3 महीने तक का समय लग सकता है। शुरुआती कुछ दिनों में मरीज को वॉकर या छड़ी की मदद से चलने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही फिजियोथेरेपी की शुरुआत कर दी जाती है ताकि हिप की मूवमेंट को धीरे-धीरे सामान्य किया जा सके। पहले 1-2 हफ्तों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं और मरीज को धीरे-धीरे चलने की प्रैक्टिस करवाई जाती है।
पहले 6 हफ्तों के भीतर मरीज अपना वजन धीरे-धीरे हिप पर डालना शुरू कर सकता है और सामान्य गतिविधियों को फिर से करने लगता है। हालांकि, इस दौरान भारी व्यायाम या अचानक से हिप पर दबाव डालने वाली गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है। रिकवरी का सबसे अहम हिस्सा फिजियोथेरेपी होती है, जो हिप की मूवमेंट और ताकत को वापस लाने में मदद करती है। तीन महीने बाद, ज्यादातर मरीज सामान्य जीवन जीने में सक्षम हो जाते हैं और बिना किसी सहायता के चलने-फिरने लगते हैं। लेकिन फिर भी, कुछ खास शारीरिक गतिविधियों से दूरी बनाए रखना जरूरी होता है।
सर्जरी के बाद मरीज को कुछ जरूरी बातों का खास ख्याल रखना चाहिए, जैसे कि डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना, फिजियोथेरेपी की सलाह को गंभीरता से लेना और किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना। इसके अलावा, सर्जरी के बाद शरीर को पर्याप्त आराम और पोषण देना बेहद जरूरी होता है ताकि रिकवरी की प्रक्रिया जल्दी और सही तरीके से हो सके।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी उन लोगों के लिए एक बेहद फायदेमंद और जीवन-परिवर्तनकारी प्रक्रिया हो सकती है, जो लंबे समय से हिप दर्द और गतिशीलता में कमी का सामना कर रहे हैं। सर्जरी के बाद, सही देखभाल और फिजियोथेरेपी की मदद से मरीज कुछ ही महीनों में सामान्य जीवनशैली में लौट सकते हैं। यदि आप भी हिप जोड़ की समस्या का सामना कर रहे हैं और सर्जरी के बारे में सोच रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और सही समय पर सही फैसला करें।